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कारंजा लाड मे कृष्ण अवधुत पंथ का कारंजालाड यह मुख्य देवस्थान है । यह देवस्थान भजन योगी, संत, भक्तजन इत्यादी को निरंतर प्रेरणा, स्फुर्ति देणेवाला कारंजालाड का मुख्यस्थल है ।
२१ शतकपुर्व से यह देवस्थान/राउळ पुर्ण अवतार श्री कृष्णं के मुखसे निकला हुऑं चतुर्पता अथर्वन् वेद के ओवी और भजन का निरंतर गायन विदर्भ विभागाके खेडयापाडयासह शहरमे प्रेरीत कर रहा है । और श्री कृष्णजी यहाँपर चतुर्पती कृष्ण अवधुत पंथ के कार्यको प्रेरणा, स्फुर्ति शक्ती ईत्यादी अपने सत् भक्तजन के घरमे गुप्तरूपमे जाकर उनके तरफ से सत्कार्य करवा रहे है । उनको नित साहयं हो रहे है । एैसी सत्जन की धारणा है ।
यहाँपर कृष्णाजीकी बाहुली है । उस बाहुलीके उपर वो गुप्तरूपमे आणेवाले सत्यवग स्थापनापुर्व का प्रंपच व्यवहार ईत्यादी कार्य संभाल करनेके लियें अपने सत्भक्तजन को प्रेरणा, स्फुर्ति का शक्तीपात करके यहॉके चतुर्पती कृष्ण अवधुत पंथ के कार्य को साहयं कर रहे है । वो इस पंथ के संत् भक्त और भजनी जन को निरंतर प्रेरणा, शक्ती देणेके लियें यहाँ गुप्तरूपमे खडा है । नित्य साहयं हो रहा है । एैसी यहॉके सत् भक्तजनं की धारणा है ।
कृष्ण अवधुती ओवी और भजने |
कृष्ण अवधुती भजन मंडळे और राउळ के व्हिडीयो
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